सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों की धातुओं तथा शिल्पकलाओं के ज्ञान का वर्णन कीजिये ।
सिन्धु घाटी सभ्यता में लोग पत्थर के औज़ारों का काफी उपयोग करते थे, इसके साथ-साथ वे कई धातुओं से भी परिचित थे, इसमें कांसा धातु प्रमुख थी। ताम्बे और टिन के मिश्रण ने कांस्य धातु का निर्माण किया जाता हूँ। सिन्धु घाटी सभ्यता में कला व शिल्प काफी विकसित था, कई स्थानों से उत्तम कलाकृतियों की प्राप्त हुई है। सिन्धु घाटी सभ्यता में बर्तन का निर्माण, मूर्तियों का निर्माण व मुद्रा का निर्माण इत्यादि प्रमुख शिल्प थे।
सिन्धु घाटी सभ्यता में कांस्य कलाकृतियाँ, मृणमूर्तियाँ, मनके की वस्तुएं व मुहरें प्राप्त हुई हैं। मनकों का निर्माण कार्नेलियन, जेस्पर, स्फटिक, क्वार्टज़, ताम्बे, कांसे, सोने, चांदी, शंख, फ्यांस इत्यादि का उपयोग किया गया था। सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग नाव निर्माण की कला भी जानते थे। औज़ार, हथियार, गहने व बर्तनों के निर्माण के लिए ताम्बा और कांसा धातु का इस्तेमाल किया जाता था। सिन्धु घाटी सभ्यता से फलक, बाट व मनके प्राप्त हुए हैं। मोहनजोदड़ो से हाथ से बुने हुए सूती कपडे का एक टुकड़ा मिला है। उत्तर प्रदेश के आलमगीर मिट्टी की नांद पर बुने हुए वस्त्र के चिह्न मिले हैं। सिन्धु घाटी सभ्यता में नाव के उपयोग के साक्ष्य भी मिले हैं। भारत चांदी की खोज सबसे पहले सिन्धु घाटी सभ्यता में की गयी थी।