हिमाद्रि श्रेणी की मुख्य विशेषताओं की व्याख्या कीजिए ।
हिमाद्रि (सर्वोच्च हिमालय)
यह हिमालय की सबसे उत्तरी तथा सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है । हिमालय की यही एक पर्वत श्रेणी ऐसी है , जो पश्चिम से पूर्व तक अपनी निरन्तरता बनाए रखती है । इस श्रेणी की क्रोड ग्रेनाइट शैलों से बनी है , जिसके आस - पास कायान्तरित और अवसादी शैलें भी मिलती हैं । इस श्रेणी के पश्चिमी छोर पर नंगापर्वत शिखर ( 8126 मी . ) तथा पूर्वी छोर पर नामचावरवा शिखर ( 7756 मी . ) है । इस पर्वत श्रेणी की समुद्र तल से औसत ऊँचाई लगभग 6100 मी . है । इस क्षेत्र में 100 से अधिक पर्वत शिखर 6100 मी . से अधिक ऊँचे हैं । संसार की सबसे ऊँची पर्वत चोटी एवरेस्ट ( 8848 मी . ) इसी पर्वत श्रेणी में स्थित है । काँचनजुँगा ( 8598 मी . ) मकालू , धौलागिरि तथा अन्नपूर्णा आदि हिमाद्रि की अन्य चोटियाँ है जिनकी ऊँचाई आठ हजार मीटर से अधिक है । काँचनजुँगा भारत में हिमालय का सर्वोच्च शिखर है ।
हिमाद्रि पर्वत श्रेणी वर्ष भर हिमाच्छादित रहती है । इस हिमाच्छादित पर्वत श्रेणी में छोटी - बड़ी अनेक हिमानियाँ है । इन हिमानियों का बर्फ पिघल - पिघल कर उत्तर भारत की नदियों में बहता है जिससे वे सदानीरा बनी रहती हैं । गंगोत्री और यमुनोत्री ऐसी ही हिमानियाँ हैं ।
हिमाद्रि पर्वत श्रेणी को जोजीला , शिपकीला , नीति , नाथूला आदि दर्रों से होकर पार किया जा सकता है ।