वन्य जीवन अभयारण्य किस प्रकार महत्वपूर्ण है ? कोई चार कारण स्पष्ट कीजिए ।
वन्यजीव अभयारण्य
वन्यजीव अभयारण्यों के मुख्य उद्देश्य वन्य जीवन की व्यवहार्य आबादी और अपने वांछित वास के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए है । भारत वन्यजीव अभयारण्यों , लगभग 2000 पक्षी , स्तनधारियों की 3500 प्रजातियां, कीड़ों की लगभग 30,000, पौधों के 15000 किस्मों का घर है । इन अभयारण्यों और वन क्षेत्र में एशियाई हाथी, रॉयल बंगाल टाइगर, हिम तेंदुए और साइबेरियन क्रेन की तरह कई लुप्तप्राय जानवरों और पक्षियों की प्रजातियां निवास करती हैं । भारत के वन्यजीव अभयारण्य कई जानवरों की कुछ विशेष प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध हैं । उदाहरण के लिए, असम में काजीरंगा भारतीय गैंडा लिए जाना जाता है, जबकि केरल में पेरियार उसके हाथियों के लिए प्रसिद्ध है । भारत में 551 वन्यजीव अभयारण्य हैं । भारत भी कई प्रवासी पशुओं और ओलिव रिडले , समुद्री कछुए , साइवेरियन क्रेन और राजहंस की तरह पक्षियों का घर है ।
नेशनल पार्क - राष्ट्रीय पार्कों की स्थापना का उद्देश्य प्राकृतिक और ऐतिहासिक वस्तुओं और वन्य जीवन संरक्षण है जिसमें वन्य जीवों को खुला छोड़ दिया जाय और भावी पीढ़ी द्वारा किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुँचाया जाय । 1970 में भारत में केवल पांच राष्ट्रीय उद्यान थे । 1972 में , भारत वन्यजीव संरक्षण अधिनियम विलुप्त प्रजातियों के संरक्षण देने के लिए की गयी थी । इस अधिनियम के दो मुख्य उद्देश्य हैं , लुप्तप्राय प्रजातियों को अधिनियम में सूचीबद्ध , सुरक्षा प्रदान करना और राष्ट्रीय पार्क के रूप में वर्गीदृत देश के संरक्षण के क्षेत्र में कानूनी समर्थन प्रदान करना ।