जयन्तिया तथा गारो लोगों ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह क्यों किया था ? व्याख्या कीजिए ।
जयंतिया और गारों विद्रोह ( 1860-1870 ) :
प्रथम एंग्लो - बर्मा युद्ध के उपरांत अंग्रेजों ने ब्रह्मपुत्र घाटी ( आधुनिक असम ) को सिल्हट ( आज का बांग्लादेश ) से जोड़ने के लिए एक सड़क बनाने की योजना बनाई । भारत के उत्तर - पूर्वी भाग ( आधुनिक मेघालय ) में जयंतिया और गारों लोगों ने इस सड़क के निर्माण का विरोध किया जो कि अंग्रेजों के लिए सैन्यदलों के आवागमन के लिए यौद्धिक महत्व की थी । 1827 में जयंतिया लोगों ने काम को रोकने की कोशिश की और बहुत जल्दी ही यह असंतोष पड़ोस की गारो पहाड़ियों तक फैला गया । सतर्क अंग्रेजों ने कुछ जयंतिया और गारो गांवों को जला दिया । अंग्रेज़ों द्वारा सन् 1860 के दशक में गृहकर और आयकर शुरु किए जाने पर यह शत्रुता और भी बढ़ गई । जयंतियाओं के नेता यू कियांग नाँगवाह को गिरफ्तार कर लिया गया और सार्वजनिक रूप से उसे फांसी दे दी गई और गारो नेता तोगान संगमा अंग्रेजों से हार गए ।