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भारत में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्तों के प्रकारों की व्याख्या कीजिये ।

भारत में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्तों के प्रकारों की व्याख्या कीजिये ।


नीति निर्देशक सिद्धांतों का वर्गीकरण 

नीति - निर्देशक सिद्धान्तों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है । वे हैं : 

  1. आर्थिक और सामाजिक सिद्धांत ; 
  2. गाँधीवादी सिद्धांत ; 
  3. अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से संबंधित सिद्धांत और 
  4. विविध सिद्धांत 

आर्थिक और सामाजिक सिद्धांत

लोगों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण के लिए राज्य निम्नलिखित प्रयास करेगा : 

  1. स्त्री और पुरुष दोनों के लिए आजीविका का पर्याप्त साधन जुटाना । 
  2. कुछ हाथों में संपति का संकेन्द्रण रोकने के लिए आर्थिक व्यवस्था का पुनर्गठन । 
  3. समान कार्य के लिए स्त्री और पुरुष दोनों को समान पारिश्रमिक मिले । 
  4. स्त्री, पुरुष और बच्चों के लिए योग्य रोजगार एवं कार्य का स्वच्छ वातावरण तैयार करना । 
  5. बच्चों को शोषण और नैतिक अधोगति से बचाना ।  
  6. रोजगार एवं शिक्षा का अधिकार तथा बेराजगारी, बुढ़ापे, बीमारी एवं असमर्थता की स्थिति में सरकारी सहायता के कारगर उपाय करना । 
  7. कार्य का न्यायोचित एवं मानवीय वातावरण तैयार करना एवं प्रसूति सेवा की व्यवस्था करना । 
  8. सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंधन में मजदूरों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना । 
  9. कामगारों विशेषकर अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए शिक्षा प्रबंध एवं उनके आर्थिक हितों को बढ़ावा देना ।
  10. सभी कामगारों के लिए उचित अवकाश एवं सांस्कृतिक मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराना । 
  11. जीवन स्तर को ऊँचा करने एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुविधा प्रदान करना । 
  12. छ : साल तक के सभी बच्चों को बाल्यकाल की सुविधाएँ एवं शिक्षा की व्यवस्था करना ।

गांधीवादी सिद्धांत 

कुछ सिद्धांत ऐसे हैं जो महात्मा गांधी के आदर्शों के आधार पर बनाए गए हैं । ये निम्नलिखित हैं : 

  1. गांव में पंचायतों का गठन करना । 
  2. गांव में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना । 
  3. नशीले पदार्थों और शराब , आदि पर प्रतिबंध लगाना जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं । 
  4. गाय , भैंस आदि दुधारू पशुओं की नस्लों को सुधारना तथा उनके वध पर प्रतिबंध लगाना । 

विविध नीति - निर्देशक सिद्धांत

विश्व शांति एवं सुरक्षा की दिशा में सहयोग का वातावरण तैयार करने के लिए भारत निम्नलिखित उपाए करेगा :- 

  1. अन्तर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा । 
  2. राष्ट्रों के बीच न्यायोचित एवं सम्मानजनक संबंध स्थापित करना । 
  3. अन्तर्राष्ट्रीय कानून एवं संधि से उत्पन्न दायित्वों का सम्मान करना । 
  4. अन्तर्राष्ट्रीय विवादों का पारस्परिक समझौते के द्वारा हल ढूंढना । 

विविध नीति - निर्देशक सिद्धांत 

इस वर्ग के सिद्धांत राज्य को निर्देश देते हैं कि : - 

  1. सभी भारतीयों के लिए समान आचार संहिता ( सिविल ) बनाई जाए । 
  2. ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण किया जाए । 
  3. पर्यावरण को प्रदूषण रहित बनाना एवं वन्य जीवन का संरक्षण किया जाए । 
  4. उपयुक्त विधायन के द्वारा निःशुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था की जाए ।

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