भारत में निर्वाह कृषि की कोई दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
निर्वाह कृषि : - इस प्रकार की कृषि स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए की जाती है । इसका मुख्य उद्देश्य किसी दिये गये क्षेत्र के अधिक से अधिक लोगों के जीवन निर्वाह से होता है । स्थानान्तरी कृषि, स्थायी कृषि तथा गहन कृषि जीवन निर्वाह कृषि के प्रकार हैं । इस कृषि में जोतों का आकार छोटा होता है , मानवीय श्रम तथा साधारण कृषि यंत्रों का अधिक उपयोग होता है ।
मिट्टी की उर्वरता बनाये रखने के किये सभी प्रकार की खादों का उपयोग किया जाता है । जीवन निर्वाह कृषि मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा दक्षिण बिहार के कुछ भागों, साथ ही देश के अधिकांश पर्वतीय प्रदेशों में की जाती है ।